उसने तुम्हारी बात नहीं मानी
तो तुमने
उसकी गर्भ-नाल की पवित्रता पर
डाल दिए प्रश्न-चिन्ह!
वह जब तक चुप रहा,
जब तक
देता रहा तुम्हारे अहम को आँच,
जब तक
उसने छुपाई रखी तुम्हारी नपुंसकता,
तब तक
तुमने उसे जगह दी अपनी मूंडेर पे
और वह कौए-सा
करता रहा
तुम्हारे हर दोमुँहेपन का स्वागत
चाहे-अनचाहे!
और आज..
आज जब उसने
पाँव की कील से
ज्यादा अहमियत दी
अपने पाँव को
तो तुमने
डाल दिए प्रश्न-चिन्ह
उसकी गर्भ-नाल की पवित्रता पर!!
- Vishwa Deepak Lyricist
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