Saturday, September 01, 2012

एक उम्र तक की राह


एक उम्र तक की राह तो तुम देख लो पहले,
फिर सोच लेना कौन है तेरे साथ के काबिल..

एक उम्र तक की राह है पर उम्र से लम्बी,
एक साँस भर का हमसफर हीं है मेरी मंज़िल..

एक उम्र तक की राह जो तुम देखोगे ’तन्हा’,
तो जान लोगे पाँव किनके हो गएँ बुज़्दिल..

एक उम्र तक की राह फिर क्यों देखने बैठूँ,
जब इल्म हो कि रहबरों से कुछ नहीं हासिल..

- Vishwa Deepak Lyricist

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