रात उतरेगी,आके मुझमें हीं.मेरी आँखों में सारे साहिल हैं...क्या बात है
शुक्रिया रश्मि जी...
बहुत खूब ... चाँद भारी है चोट तीखी है ....
आपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल बृहस्पतिवार 18-10 -2012 को यहाँ भी है .... आज की नयी पुरानी हलचल में ....मलाला तुम इतनी मासूम लगीं मुझे कि तुम्हारे भीतर बुद्ध दिखते हैं ....। .
चाँद भारी है..चोट तीखी है..मेरी यादें हैं...... उसने फेंकी हैं...वाह !!!
रात उतरेगी आकर मुझमें!वाह!
सुन्दर!!!!!अनु
हौसला-आफजाई के लिए आप सभी का बहुत-बहुत शुक्रिया...
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8 comments:
रात उतरेगी,
आके मुझमें हीं.
मेरी आँखों में सारे साहिल हैं...क्या बात है
शुक्रिया रश्मि जी...
बहुत खूब ... चाँद भारी है चोट तीखी है ....
आपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल बृहस्पतिवार 18-10 -2012 को यहाँ भी है
.... आज की नयी पुरानी हलचल में ....
मलाला तुम इतनी मासूम लगीं मुझे कि तुम्हारे भीतर बुद्ध दिखते हैं ....। .
चाँद भारी है..
चोट तीखी है..
मेरी यादें हैं...... उसने फेंकी हैं...
वाह !!!
रात उतरेगी आकर मुझमें!
वाह!
सुन्दर!!!!!
अनु
हौसला-आफजाई के लिए आप सभी का बहुत-बहुत शुक्रिया...
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