Friday, October 05, 2012
देवता
मैं तुम्हारी एक बूँद हँसी के लिए,
डाल सकता हूँ कोल्हू में अपनी दो "मन" साँसें...
जानता हूँ कि
तेल निकलेगा और चढेगा किसी देवता पर..
देवता,
जो कतई मैं नहीं!!!!!!
-
Vishwa Deepak Lyricist
3 comments:
ANULATA RAJ NAIR
said...
बेहतरीन................
अनु
Friday, October 05, 2012 1:40:00 PM
ranjan
said...
bahot khoob ustadd ji...!!!
Friday, October 05, 2012 2:47:00 PM
विश्व दीपक
said...
आप दोनों का शुक्रिया... जी...
Friday, October 12, 2012 12:16:00 PM
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
3 comments:
बेहतरीन................
अनु
bahot khoob ustadd ji...!!!
आप दोनों का शुक्रिया... जी...
Post a Comment