वो तुम्हारे लबों से "हाय, मर जावां" का फूटना
और मेरा मर जाना.. उसी दम...
याद रहेगा मुझे आवाज़ों का दौर गुजर जाने के बाद भी..
तुम बस इन छल्लेदार लबों से चूमती रहना हवाएँ,
मैं तुम्हारी मुहर लगी उन साँसों की बदौलत जीता-मरता रहूँगा...
बस तुम इशारों के उस दौर में मत भूलना
"हाय" कहना आँखों से,
मैं पढ लूँगा तुम्हारी अदाएँ टटोलकर "ब्रेल लिपि" में
और
और
मर जाऊँगा फिर से.......उसी दम
- Vishwa Deepak Lyricist
1 comment:
बहुत प्यारे एहसास
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