अब भी वहीं से पुकारती हो!!
दस कदम पीछे हटकर
उतर जाओ रास्ते से
या दस कदम बढकर
मुड़ जाओ मेरी तरफ...
यह कशमकश तोड़ो!!
जान लो -
मैं गुजर गया हूँ,
फिर भी तुम्हारा हूँ....
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बँधा हूँ तुम्हारे अहद से,
इसलिए........ खुद लौट नहीं सकता!!!!
- Vishwa Deepak Lyricist
3 comments:
आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा कल मंगल वार 6/11/12 को चर्चाकारा राजेश कुमारी द्वारा चर्चा मंच पर की जायेगी आपका स्वागत है ।
शुक्रिया राजेश जी...
वन-वे ट्रैफिक?
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