Wednesday, July 05, 2023
लिखूँगा
गीतों में, गज़लों में एक चहारदीवारी है। मैं तुम्हारे प्रेम को लिखूँगा एक अकविता में। . असमझा एक विषय, अनुपजा एक ख्याल, या फिर अनलिखी एक कविता - प्रेम यही है। . क्या हीं लिखूँगा! . बस महसूसूँगा।
-
Vishwa Deepak
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment