१.
कदम ताल
ख्वाब से ख्वाब तक
रात सौ फांक
२.
आकाश गंगा
यादों की खूनी राह
घिसता मन
३.
दर-ब-दर
धूप के पीले पन्ने
सुबके दिन
४.
तुम ना आई
बीते छह जन्मों-सी
इस बार भी
५.
कुदरत है!
सूखे चढें आग पे
कच्चे देवों पे
६.
ढूँढना तुम
फुरसत के पल
फुरसत से
७.
बातें दिल की
जबकि सारे जानें
मैं हीं गाफ़िल
- विश्व दीपक
3 comments:
वाह दीपक जी, पूरी फॉर्म मे दिख रहे हो! गज़ब के हाइकू हैं सातों के सातों!!
Shukriyaa uncle ji....
बस एक ही शब्द शानदार ....सभी बहुत खूब !
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