Sunday, April 04, 2010
उड़न छू..
मुखड़ा
आते जाते
काटे रास्ता क्यूँ,
बड़ी जिद्दी है री तू
हो जा चल उड़न छू..
आते जाते
काटे रास्ता क्यूँ,
बड़ी जिद्दी है री तू
हो जा उड़न छू..
अंतरा 1
तोले मोले जो तू हर दफ़ा,
हौले हौले छीने हर नफ़ा,
क्या बुरा कि आनाकानी करके
तेरे से बच लूँ..
तोले मोले जो तू हर दफ़ा,
हौले हौले छीने हर नफ़ा,
क्या बुरा कि आनाकानी करके
तेरे से बच लूँ..
छोरी! तू है काँटों जैसी लू.
आते जाते
काटे रास्ता क्यूँ,
बड़ी जिद्दी है री तू
हो जा चल उड़न छू..
आते जाते
काटे रास्ता क्यूँ,
बड़ी जिद्दी है री तू
हो जा उड़न छू
अंतरा 2
झोंके धोखे हीं तू हर जगह,
तोड़े वादे सारे हर तरह,
ये बता कि आवाज़ाही तेरी
कैसे मैं रोकूँ..
झोंके धोखे हीं तू हर जगह,
तोड़े वादे सारे हर तरह,
ये बता कि आवाज़ाही तेरी
कैसे मैं रोकूँ..
छोरी! मैं ना जलना हो के धूँ..
आते जाते
काटे रास्ता क्यूँ,
बड़ी जिद्दी है री तू
हो जा चल उड़न छू..
आते जाते
काटे रास्ता क्यूँ,
बड़ी जिद्दी है री तू
हो जा उड़न छू
-विश्व दीपक
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