तुम्हारी आँखों में देखता रहूँ
और रो दूँ -
प्रेम इस हद से शुरू होना चाहिए
बाहर की बेढ़ब दुनिया
तुम्हारी आँखों से छनकर दिखती है जब -
बचता है केवल सच , सुनहला सच
मैं अपने आप में खोया हूँ कहीं,
शब्द गुम हैं अंतर्मन की कंदराओं में -
लिख देना आसान है,
कह देना नितांत मुश्किल....
बस तुम समझ लिया करो
जितना भी कुछ मुझसे चलकर तुमतक पहुँच न पाया
वह सबकुछ तुम्हारी आँखों ने पढ़ा तो होगा हीं!!!!!!
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