Sunday, April 18, 2021

प्रेम

तुम्हारी आँखों में देखता रहूँ और रो दूँ - प्रेम इस हद से शुरू होना चाहिए बाहर की बेढ़ब दुनिया तुम्हारी आँखों से छनकर दिखती है जब - बचता है केवल सच , सुनहला सच मैं अपने आप में खोया हूँ कहीं, शब्द गुम हैं अंतर्मन की कंदराओं में - लिख देना आसान है, कह देना नितांत मुश्किल.... बस तुम समझ लिया करो जितना भी कुछ मुझसे चलकर तुमतक पहुँच न पाया वह सबकुछ तुम्हारी आँखों ने पढ़ा तो होगा हीं!!!!!!

No comments: