Sunday, December 27, 2009

मोरा सोणा सजन!


मोरा सोणा सजन!

तामझाम से दूर रहे है,
शर्म-हया में चूर रहे है,
पर..
बात-बात में घूर रहे है,
लगे..
फूलों का नाजुक दोना सजन,
मोरा सोणा सजन!

भेड़चाल से कतई अलग है,
पेंचो-खम से अलग-थलग है,
पर..
तीसमार ये दिल का ठग है
लगे..
माटी का नर्म भगोना सजन,
मोरा सोणा सजन!

कामकाज का भूत चढे है,
दौड़-दौ़ड़ दिन-रात बढे है,
पर..
आँख-आँख में प्यार पढे है,
लगे..
माथे का खास डिठोना सजन,
मोरा सोणा सजन!


-विश्व दीपक

1 comment:

Anonymous said...
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