मस्ती के पंगे
चंगे....मस्ती के पंगे..
मुट्ठी में मन?
तौबा!!
झूठे बंधन?
तौबा!!
बासी राशन?
तौबा!!
जाली शासन?
तौबा!!
अकड़म-बकड़म ऐं वैं
दुनिया को बेड़ी दे के,
खुल्लम खुल्ला जी ले
तू सब को एंड़ी दे के।
बेबस दुश्मन
वाह-वाह!!
कातर जोखम
वाह-वाह!!
मुर्दा चिलमन
वाह-वाह!!
पुख्ता जीवन
वाह-वाह!!
चुनकर-बुनकर रख ले
इस पल को साफी दे के,
हँसकर कसकर जी ले
तू सब को माफी दे के।
पंगों की रात...
ज़िंदाबाद!!!-विश्व दीपक
1 comment:
पोस्ट!!
जिन्दाबाद!!
टिप्पणी
तौबा!! :)
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