Saturday, July 24, 2010

फाउंटेन पेन


आँखों के सिरहाने
अरमानों की चिट्ठी..
और
तकिये पर
तिल-तिल रिसती यादें

नमक पिघला
और निगल गया
चिट्ठी का एक-चौथाई हिस्सा..

काश!
अपना रिश्ता "डॉट-पेन" होता..
"फाउंटेन-पेन" की स्याही
न तो "फाउंटेन-पेन" में हीं संभलती है
और न हीं
कागज़ पर...


-विश्व दीपक

Saturday, July 10, 2010

ओवर रेटेड


तुम्हारा मिलना मौत की तरह चुपचाप होगा...

हाँ, ये यकीन है कि
मौत मिलेगी
और तुम?
शायद हीं....
या नहीं

इसलिए
फिक्र मौत की नहीं
तुम्हारी होनी चाहिए...

मौत तो "ओवर रेटेड" है..


-विश्व दीपक