Friday, November 13, 2009

इश्क़ है या कोई वारदात है?


सोलह आने खरी बात है,
नाजुक-सी तू करामात है,
लील लियो जो धर्म-जात है...

राम कसम क्या खुराफ़ात है,
वशीकरण या मुलाकात है,
लगे- इश्क़ भी तेरे साथ है।


-विश्व दीपक

3 comments:

sujit said...

dono bahut milte hain.....kya relation nikala hai....aapke saath ye wardaat hui ki nahi????....waha wah VD bhai!!!

shravan said...

Kya baat hai, ekdum sahi wording ka use hua hai with effective meaning. All the best , keep it up. Thanks

Asha Joglekar said...

लिखी आपने ये क्या बात है
ये इश्क है कि खुराफात है ।