Saturday, January 15, 2011
तुम लिखते तो
तेरे परमभक्त हैं पड़े हुए कविता के गलियारों में,
पर मेरे चाहने वाले रहते सड़कों में, बाज़ारों में..
तुम लिखते तो समझ-बूझ की सारी सीमा उड़ जाती,
मेरे लिखने से तो सब की बेवकूफ़ी भी जुड़ जाती,
तुम लिखते तो शब्द-शब्द के लाखों मायने होते हैं,
मैं लिखता तो एक अर्थ पे हीं सब हँसते-रोते हैं..
तुम लिखते तो सब को अपनी अक्ल पे नाज़ हो आता है,
मेरे लिखने पे मस्तिष्क भी मन हीं मन मुस्काता है,
तुम लिखते तो सब कहते कि "वाह कही क्या, वाह कही",
मैं लिखता तो मन कहता कि "आह कही क्या, आह कही"..
तुम लिखते तो यूँ लगता कि लिखना भारी काम है जी,
मैं लिखता तो "लिख देता बस", कविता तो एक नाम है जी..
तुम लिखते तो वो कहते कि "आज पढा कुछ मतलब का",
मैं लिखता तो कहते हैं कि "लिखता है कुछ अब-तब का"..
तुम लिखते तो जोर-शोर से तुमपर "शान" चढाते हैं,
मैं लिखता तो आँख चुराते, "कान" और "जान" छुड़ाते हैं..
फिर भी देखो कि मैं खुश हूँ और लिखता हूँ हँसते-गाते,
और तुम हो कि जलते हर पल, ग़म में हीं हो गिरते जाते..
क्या हासिल है ऐसे जीकर, जबकि "जी" भी परेशान रहे,
क्या हासिल है शायर बनकर, जबकि "गुरबत" में जान रहे,
क्या हासिल है चढकर ऊपर, जब अपना ना कोई साथ दिखे,
क्या हासिल है लिखकर इतना, जब अक्लमंद हीं समझ सके..
लिक्खो तो दिल से "भाव" रखो ना कि अपना हीं "भाव" रखो,
गौरव है तुमको खुद पे तो औरों में भी कुछ चाव रखो,
बेचो न खुद को ऐसे तुम, या बेचो तो मुझसे न कहो,
मैं पैसे लेकर लिखता नहीं, तुम लिखते हो.. तुम लिखते रहो...
पर काश कि तुम वो होते जो तुम पहले थे सीधे-सादे,
"तुम लिखते या मैं लिखता तो" "मन" बाँटते हम आधे-आधे..
पर काश कि यूँ तुम लिखते तो...
-विश्व दीपक
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5 comments:
बहुत ही सुन्दर शब्द रचना ।
तुम लिखते तो वो कहते कि "आज पढा कुछ मतलब का",
मैं लिखता तो कहते हैं कि "लिखता है कुछ अब-तब का"..
तुम लिखते तो जोर-शोर से तुमपर "शान" चढाते हैं,
मैं लिखता तो आँख चुराते, "कान" और "जान" छुड़ाते हैं..
tabhi to shabd tarashe jayenge ... bahut hi badhiyaa
जो दिल से लिखा जाए वही तो असली रचना है। आपने जो लिखा है वह दिल जोड़ने वाला है। बहुत अच्छी प्रस्तुति। हार्दिक शुभकामनाएं!
फ़ुरसत में … आचार्य जानकीवल्लभ शास्त्री जी के साथ (दूसरा भाग)
बहुत अच्छी रचना है. मैं तो आपकी सभी रचनाओं की प्रशंसक हूँ. आपमें लेखन की बहुत प्रतिभा है..और एक महान कवि / लेखक के सारे गुण हैं.
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति।
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