tag:blogger.com,1999:blog-28256217.post5428872707732254421..comments2023-10-07T14:22:04.085+05:30Comments on अंतर्नाद: मौत तकरीबनविश्व दीपकhttp://www.blogger.com/profile/10276082553907088514noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-28256217.post-38793924693482536922012-06-26T10:26:59.744+05:302012-06-26T10:26:59.744+05:30आँख के
खलिहान की फसलों से पानी लूट के,
होश की अमरा...आँख के<br />खलिहान की फसलों से पानी लूट के,<br />होश की अमराई पे मंजर चढा के झूठ के,<br />रीढ की चट्टान से पीपल के जैसे फूट के ,<br />रात की अलमारियों में नींद भर के, छूट के,<br /><br />बहुत गहन भावसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.com